जीवन परिस्थितियों का गुत्थी द्वारा निकला परिणाम है जिसके आधार पर हम निर्धारित मानकों
एवं अनुभवों के आधार पर किसी भी रास्ते को चुनते हैं। हाँ, ये बात अलग है कि कुछ इसमें सफल होते हैं और कुछ असफल होकर भी सफलता का जीवन गाथा गाते हैं। यदि हम सफलता का उल्लेख करें तो यह पाएंगे कि जो वस्तु या यथास्थिति हमारे अनुकूल होती है उसे हम सफलता का मानक मान लेते है जबकि किसी भी व्यक्ति या वस्तुस्थिति की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि वह उसके लिए कितना तर्कसंगत प्रतीत होती है।
एवं अनुभवों के आधार पर किसी भी रास्ते को चुनते हैं। हाँ, ये बात अलग है कि कुछ इसमें सफल होते हैं और कुछ असफल होकर भी सफलता का जीवन गाथा गाते हैं। यदि हम सफलता का उल्लेख करें तो यह पाएंगे कि जो वस्तु या यथास्थिति हमारे अनुकूल होती है उसे हम सफलता का मानक मान लेते है जबकि किसी भी व्यक्ति या वस्तुस्थिति की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि वह उसके लिए कितना तर्कसंगत प्रतीत होती है।
कभी-कभी जीवन में कुछ अनजान सा घटित हो जाता है जिसका प्रभाव कुछ समय के लिए मानस पटल पर अंकित हो जाता है। जिसकी अनुभूति समय-समय पर यह बताती फिरती है कि कुछ तुमने लीक से हटकर चलने का प्रयास किया है। हम जीवन में बहुत से किरदार निभाते हैं और हर किरदार की अपनी अहमियत होती है, जो किसी से बयां नहीं की जा सकती। हम सभी परिस्थितियों के निर्माता स्वंय हैं और उससे उपजे परिणामों को भुगतने के लिए भुक्तभोगी बनते जाते हैं और कुछ समय बाद हमें यह अहसास होता है कि नहीं मैंने कुछ ऐसे कार्य कर दिए जो नहीं करने चाहिए। जनाब़, अब क्या होगा जब चिड़िया चुग गई खेत।
खैर, कोई बात नहीं जीवन के यूं ही रंग में रंगते जाइए और खुशहाल रहकर अपनी परिस्थितियों एवं आवरण को सकारात्मक करने का प्रयास करें एवं उसमें कुछ बेहतरी करने का प्रयास करें।
धन्यवाद, सादर अनकहीं बातें।
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