ख्वाब बुनता हूँ सपनों का
ओझल हो जाती हैं कल्पनाएँ
दर पे दर, कड़ी दर कड़ी
फिर से उठती हैं लहरें.
हवाओं का अफसाना है
झोका है पतझड़ के बाद का।
ख्वाब बुनता हूँ सपनों का......
तरूणाई है कोमलता का
हिलकोरे मारती हुई मन की आवाज
दरख्वास्त दे रही है
मैं आ गई, मैं आ गई
लेकिन आवारा दिल
सम्भलता नहीं।
ख्वाब बुनता हूँ सपनों का........
इसे समझाऊं कैसे बुझ दिल
जो इस जिगर के करीब है ना
कुछ कर गुजरने का जज्बा लेकर
इस उधेड़बुन में अपने को
अकेला पाता हूं।
ख्वाब बुनता हूँ सपनों का....
देखता हूँ कि कुछ गमें- भूले लोग
जाते हुए तरून्नुम की आवाज आती है
तेरे रूख्श के अफसाने में
यही एक आवाज आती है कि
ख्वाब बुनता हूं सपनों का.......
उम्र दर उम्र कोई शिकवा नहीं
कुछ बड़ा न हो पाया इसका मलाल है
आधी बीत गई, समझने में कि
मैं कहां और क्या हूं
जब समझ आया ये वाकया
तो अहसास हुआ आधी पाने में
ख्वाब बुनता हूँ सपनों का......
लेकिन सही वक्त जिंदगी अहसास दिलती है
कि आए तो यूँ ही नहीं जाना है
कुछ कर गुजरना है
कुछ अपने लिए तो कुछ अपनो के लिए
जिन्होंने बड़ी शौक पाला है एक जिंदगी के लिए
तो चले जुट जाए ख्वाब-ए-जिंदगी की पाने में
ख्वाब बुनता हूँ सपनों का.......
दर आभार...अनकहीं बातें
दिनांक- 05.08.2017
ओझल हो जाती हैं कल्पनाएँ
दर पे दर, कड़ी दर कड़ी
फिर से उठती हैं लहरें.
हवाओं का अफसाना है
झोका है पतझड़ के बाद का।
ख्वाब बुनता हूँ सपनों का......
तरूणाई है कोमलता का
हिलकोरे मारती हुई मन की आवाज
दरख्वास्त दे रही है
मैं आ गई, मैं आ गई
लेकिन आवारा दिल
सम्भलता नहीं।
ख्वाब बुनता हूँ सपनों का........
इसे समझाऊं कैसे बुझ दिल
जो इस जिगर के करीब है ना
कुछ कर गुजरने का जज्बा लेकर
इस उधेड़बुन में अपने को
अकेला पाता हूं।
ख्वाब बुनता हूँ सपनों का....
देखता हूँ कि कुछ गमें- भूले लोग
जाते हुए तरून्नुम की आवाज आती है
तेरे रूख्श के अफसाने में
यही एक आवाज आती है कि
ख्वाब बुनता हूं सपनों का.......
उम्र दर उम्र कोई शिकवा नहीं
कुछ बड़ा न हो पाया इसका मलाल है
आधी बीत गई, समझने में कि
मैं कहां और क्या हूं
जब समझ आया ये वाकया
तो अहसास हुआ आधी पाने में
ख्वाब बुनता हूँ सपनों का......
लेकिन सही वक्त जिंदगी अहसास दिलती है
कि आए तो यूँ ही नहीं जाना है
कुछ कर गुजरना है
कुछ अपने लिए तो कुछ अपनो के लिए
जिन्होंने बड़ी शौक पाला है एक जिंदगी के लिए
तो चले जुट जाए ख्वाब-ए-जिंदगी की पाने में
ख्वाब बुनता हूँ सपनों का.......
दर आभार...अनकहीं बातें
दिनांक- 05.08.2017